Hindi Funny Poems For Class 3
In the land of homework, oh what a sight,
The pencils dance, and papers take flight.
Johnny’s eraser is on the run,
Hiding from math problems, not having fun.
“Come back here!” the teacher will say,
But Johnny’s eraser just laughs all day.
At lunchtime, the sandwiches play a tune,
While apples juggle under the noon.
Sally’s banana slips on its peel,
Giggling loudly, it’s no big deal.
Tom’s juice box starts to sing,
Joining in the lunchtime fling.
When school is out and kids head home,
The playground’s left to roam.
Slides tell secrets, swings will giggle,
Monkey bars start to wiggle.
The school bell chimes one last cheer,
“See you tomorrow, my dears!”
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1. बिल्ला जी
बिल्ला जी हैं बड़े अनोखे, बिल्ली से डरते दिन-रात रोके। जब भी देखे कोई चूहा, भागे वहाँ से बिल्ला जोका।
2. चंदू की चिड़िया
चंदू की चिड़िया छोटी सी, चूँ-चूँ करती प्यारी सी। कभी छत पर, कभी बगीचे, उड़ती है वो हँसी-खुशी।
3. मम्मी का फोन
मम्मी का फोन है बड़ा स्मार्ट, खेलें हम उसमें डार्ट। लेकिन जब मम्मी देख लेती, डाँटती हैं फिर हमें हर बात।
4. टिंकू का झूला
टिंकू का झूला बड़ा मज़ेदार, झूलते-झूलते खो जाएँ हज़ार। ऊँचाई पर जाकर चिल्लाए, नीचे आकर फिर मुस्काए।
5. किटी का सपना
किटी ने देखा सपनों का जहाँ, बड़ी-बड़ी मछलियाँ और सुंदर बाग़। एक मछली ने उसको देखा,
किटी ने फिर भाग कर ताला सहेजा।
6. चूहे का घर
चूहे का घर है बिल में, मिलता नहीं दिन या रात। छुपता-छुपता घूमता है, बिल्ली के डर से दिन-रात।
7 :कविता 1: चूहा और बिल्ली
चूहा बोला बिल्ली से, क्यों करती हो मुझे तंग? मैं तो छोटा सा चूहा हूं, मुझसे डरता है हर रंग।
बिल्ली बोली चूहे से, तुम हो बड़े चालाक, छुप-छुप कर खाते हो, रसोई के सारे नाश्ता।
चूहा बोला बिल्ली से, अब न करूंगा शरारत, दोस्ती कर लो मुझसे, और खेलें हम मिलकर सतरंज।
कविता 2: हाथी राजा
हाथी राजा बड़े मजेदार, लंबी सूंड और मोटे पैर।
कभी ना करें वो कोई काम, बस खाएं, पिएं, और करें आराम।
बच्चे बोले हाथी से, आओ हमारे साथ खेलो। हाथी ने कहा हंसकर, पहले मुझे मिठाई दे दो।
कविता 3: खरगोश की दौड़
खरगोश ने कछुए से कहा, आओ दौड़ लगाएं। कछुआ बोला धीरे से, ठीक है, पर ध्यान लगाए।
दौड़ शुरू हुई जोर से, खरगोश भागा तेज। कछुआ चलता रहा आराम से, पर खरगोश थक कर सो गया।
कछुआ पहुंचा मंजिल पर, खरगोश ने देख नींद से जग। बच्चे बोले हंसकर
, धीरे और steady से ही जीता जंग।
कविता 4: मक्खी की शरारत
एक मक्खी आई रसोई में, गाने लगी गीत। अम्मा बोली, “भाग जा यहाँ से, वरना मैं मार दूंगी चम्मच से।”
मक्खी बोली हंसकर, अम्मा, मुझसे क्यों डरती हो? मैं तो बस छोटी सी हूं, तुम्हें परेशान नहीं करती हूँ।
अम्मा ने हंसकर कहा, तू है बड़ी शरारती। मेरे खाने में आकर, करती है तू बड़बड़ाती।
कविता 5: बंदर और टोपी
एक दिन एक बंदर आया, टोपी वाला बाजार। टोपीवाले ने सोचा, अब क्या होगा यार?
बंदर ने टोपी उठाई, और पहनकर भागा। टोपीवाले ने चिल्लाया, बंदर ने सबको हंसाया।
टोपीवाले ने चतुराई से, टोपी उठाई ऊपर। बंदर ने भी वैसे किया, और टोपी गई वापस जोकर।
चिड़िया रानी, चिड़िया रानी
कहाँ चली इस सर्दी में?
मेरे प्यारे घर आ जाओ
बैठो मेरे आँगन में।
चूँ-चूँ करती, गाती हो तुम
सुबह-सुबह जब सूरज चमके,
तुम्हारे संग खेलूँगा मैं
हम दोनों मिल करेंगे धमाल।
बिल्ली माँ की साड़ी पहन कर
बिल्ली बन गई शहजादी,
ऊँचे पेड़ पर चढ़ी झटपट
सोच रही थी, “क्या करूँ अब?”
साड़ी फँसी, बिल्ली फँसी
नीचे गिरने का डर,
म्याऊँ-म्याऊँ करती रही
बचाओ कोई मुझे जल्दी।